अंग्रेज़ी भाषा का जन्म कोई अचानक नहीं हुआ, बल्कि यह कई सदियों के विकास और परिवर्तन का परिणाम है। अंग्रेज़ी भाषा का मूल इंग्लैंड में 5वीं से 7वीं शताब्दी के बीच का माना जाता है, जब एंग्लो-सैक्सन जातियों ने ब्रिटेन के क्षेत्र में बसना शुरू किया। एंग्लो-सैक्सन मूल रूप से जर्मनिक जनजातियाँ थीं, जो वर्तमान जर्मनी, डेनमार्क, और नीदरलैंड्स के क्षेत्र से आई थीं। उन्होंने ब्रिटेन में अपनी भाषाएँ और संस्कृति लाई, जिसने वहां की स्थानीय भाषाओं के साथ मिलकर एक नई भाषा को जन्म दिया, जिसे ‘ओल्ड इंग्लिश’ कहा जाता है।
ओल्ड इंग्लिश 7वीं से 11वीं शताब्दी तक बोली जाती रही। यह भाषा बहुत जटिल थी और आधुनिक अंग्रेज़ी से काफी भिन्न थी। ओल्ड इंग्लिश में जर्मनिक भाषा के साथ-साथ लैटिन और नॉर्स (Norse) भाषा का भी प्रभाव देखा जा सकता है, क्योंकि ब्रिटेन पर वाइकिंग्स और नॉर्मन्स ने भी आक्रमण किए थे। इन आक्रमणों और विदेशी सांस्कृतिक प्रभावों के कारण ओल्ड इंग्लिश में काफी बदलाव आया, जिससे बाद में ‘मिडल इंग्लिश’ का विकास हुआ।
मिडल इंग्लिश का विकास 11वीं शताब्दी में नॉर्मन विजय के बाद हुआ, जब 1066 में विलियम द कॉन्करर ने इंग्लैंड पर विजय प्राप्त की। इस विजय के बाद फ्रांसीसी भाषा का ब्रिटेन पर गहरा प्रभाव पड़ा। नॉर्मन फ्रेंच शासकों ने शासन, कानून, और उच्च वर्ग के जीवन में फ्रांसीसी भाषा को प्रमुखता दी, जिससे मिडल इंग्लिश में फ्रांसीसी शब्द और व्याकरण का समावेश हुआ। मिडल इंग्लिश का समय लगभग 12वीं से 15वीं शताब्दी तक फैला रहा और इस अवधि के अंत तक अंग्रेज़ी ने अपनी वर्तमान रूप की ओर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया।
15वीं शताब्दी के अंत और 16वीं शताब्दी की शुरुआत में अंग्रेज़ी भाषा ने ‘मॉडर्न इंग्लिश’ का रूप धारण करना शुरू किया, जिसे आज हम बोलते और समझते हैं। इस परिवर्तन में प्रमुख भूमिका ग्रेट वॉवल शिफ्ट (Great Vowel Shift) ने निभाई, जो एक महत्वपूर्ण ध्वन्यात्मक परिवर्तन था। इस शिफ्ट के कारण अंग्रेज़ी भाषा की उच्चारण पद्धति में बड़ा बदलाव आया, जिससे कई शब्दों के उच्चारण में बदलाव हुआ। इसी समय, विलियम कैक्सटन द्वारा मुद्रण कला के इंग्लैंड में परिचय ने अंग्रेज़ी भाषा के मानकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मॉडर्न इंग्लिश का प्रारंभिक रूप, जिसे ‘अर्ली मॉडर्न इंग्लिश’ कहा जाता है, 16वीं शताब्दी से लेकर 17वीं शताब्दी के मध्य तक फैला रहा। इस समय के दौरान विलियम शेक्सपियर और किंग जेम्स बाइबल जैसे महान साहित्यिक कार्यों ने अंग्रेज़ी भाषा को स्थायित्व प्रदान किया। अर्ली मॉडर्न इंग्लिश के समय में अंग्रेज़ी भाषा का व्याकरण, वर्तनी, और शब्दावली काफी हद तक स्थिर हो गई थी और यह अपने आधुनिक रूप के बहुत करीब आ गई थी।
अंग्रेज़ी भाषा के इस विकास की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण कारक शामिल थे। सबसे पहले, एंग्लो-सैक्सन जनजातियों द्वारा ब्रिटेन पर कब्जे ने ओल्ड इंग्लिश का जन्म कराया। इसके बाद, नॉर्मन विजय और फ्रांसीसी भाषा के प्रभाव ने मिडल इंग्लिश का विकास किया। अंततः, 15वीं और 16वीं शताब्दी में ग्रेट वॉवल शिफ्ट और मुद्रण कला के प्रसार ने मॉडर्न इंग्लिश का आधार तैयार किया।
अंग्रेज़ी भाषा का विस्तार और प्रसार भी इसी अवधि में शुरू हुआ, जब ब्रिटिश साम्राज्य ने दुनिया भर में अपने उपनिवेश स्थापित किए। अंग्रेज़ी भाषा ब्रिटिश साम्राज्य के साथ-साथ पूरी दुनिया में फैल गई और आज यह एक वैश्विक भाषा बन चुकी है। इसके प्रसार में अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और भारत जैसे देशों में अंग्रेज़ी का आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग भी महत्वपूर्ण रहा है।
अंग्रेज़ी भाषा का विकास किसी एक व्यक्ति या घटना का परिणाम नहीं था, बल्कि यह एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी, जिसमें विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, और ऐतिहासिक घटनाओं का योगदान रहा। आज अंग्रेज़ी दुनिया भर में व्यापार, विज्ञान, तकनीक, और शिक्षा की प्रमुख भाषा बन चुकी है। इसका इतिहास दर्शाता है कि कैसे भाषाएं समय के साथ विकसित होती हैं और विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तनों से प्रभावित होती हैं।
अंग्रेज़ी का यह विकास हमें यह भी सिखाता है कि भाषा न केवल संवाद का साधन है, बल्कि यह संस्कृति, पहचान, और इतिहास का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज अंग्रेज़ी भाषा का वैश्विक महत्व उसकी लंबी यात्रा और सतत विकास की गाथा का प्रमाण है।
मॉडर्न इंग्लिश (Modern English)
मॉडर्न इंग्लिश (Modern English) वह चरण है जिसमें अंग्रेज़ी भाषा अपने वर्तमान रूप में विकसित हुई। इसका आरंभ 15वीं शताब्दी के अंत और 16वीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ, और यह अवधि ‘ग्रेट वॉवल शिफ्ट’ (Great Vowel Shift) से चिह्नित है। इस शिफ्ट के दौरान अंग्रेज़ी भाषा के उच्चारण में व्यापक बदलाव हुए, जिससे शब्दों के उच्चारण और अर्थ में परिवर्तन आया।
मॉडर्न इंग्लिश का विकास कई महत्वपूर्ण घटनाओं और हस्तियों से प्रभावित हुआ। सबसे पहले, मुद्रण कला के प्रसार ने अंग्रेज़ी भाषा के मानकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विलियम कैक्सटन ने 1476 में इंग्लैंड में पहला मुद्रण प्रेस स्थापित किया, जिससे पुस्तकों और साहित्य का व्यापक प्रसार संभव हुआ। इसने अंग्रेज़ी भाषा के शब्दों और वर्तनी को स्थिर और एकरूप बनाने में मदद की।
इस अवधि के दौरान, विलियम शेक्सपियर और किंग जेम्स बाइबल जैसी साहित्यिक कृतियों ने अंग्रेज़ी के व्याकरण और शब्दावली को स्थायित्व प्रदान किया। शेक्सपियर के नाटकों और कविताओं ने अंग्रेज़ी भाषा में कई नए शब्द और मुहावरे जोड़े, जो आज भी प्रयोग किए जाते हैं। किंग जेम्स बाइबल, जो 1611 में प्रकाशित हुई, ने अंग्रेज़ी के धार्मिक और सांस्कृतिक शब्दावली को गहराई से प्रभावित किया।
मॉडर्न इंग्लिश का प्रसार ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के साथ-साथ हुआ, जिससे यह भाषा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंची। उपनिवेशवाद के कारण, अंग्रेज़ी ने न केवल ब्रिटेन में बल्कि अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, और अन्य उपनिवेशों में भी अपनी जड़ें जमा लीं। इसके परिणामस्वरूप, अंग्रेज़ी आज वैश्विक भाषा बन गई है, जो व्यापार, विज्ञान, शिक्षा, और संचार के लिए प्रमुख भाषा के रूप में प्रयोग की जाती है।
मॉडर्न इंग्लिश का यह विकास और प्रसार, भाषा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने इसे दुनिया की सबसे व्यापक और प्रभावशाली भाषाओं में से एक बना दिया है।
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