दुनिया का सबसे बड़ा बुद्ध मंदिर बोरोबुदुर (Borobudur) है, जो इंडोनेशिया के मध्य जावा (Central Java) प्रांत में स्थित है। यह मंदिर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और विशालतम बुद्ध मंदिरों में से एक है। बोरोबुदुर का निर्माण 9वीं सदी के आसपास सैलेन्द्र वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था। इसका निर्माण समय लगभग 750 से 850 ईस्वी के बीच माना जाता है। इस मंदिर की वास्तुकला और डिजाइन महायान बौद्ध धर्म के अनुसार की गई है, जो बौद्ध धर्म के मार्ग और उसकी शिक्षाओं को दर्शाती है।
बोरोबुदुर (Borobudur)
बोरोबुदुर मंदिर को नौ स्तरों में विभाजित किया गया है, जिसमें से पहले छह वर्गाकार हैं और अंतिम तीन गोलाकार। इन स्तरों पर 2,672 राहत पैनल और 504 बुद्ध प्रतिमाएं बनाई गई हैं, जो बुद्ध के जीवन और उनके धर्मोपदेशों का वर्णन करती हैं। मंदिर के शीर्ष पर एक मुख्य गुंबद है, जिसे एक विशाल स्तूप के रूप में निर्मित किया गया है। इस मुख्य गुंबद के चारों ओर 72 छोटे स्तूप बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक के अंदर एक बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की गई है।
बोरोबुदुर की अनूठी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण, यह यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। मंदिर की संरचना को माउंट मेरु (Mount Meru) के रूप में देखा जाता है, जो हिंदू और बौद्ध मान्यताओं में ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है। इस मंदिर की कला और वास्तुकला में भारतीय और स्थानीय जावानी संस्कृति का समावेश देखा जा सकता है, जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रतीक है।
बोरोबुदुर का पुनर्निर्माण और संरक्षण 20वीं सदी के मध्य में किया गया था, जब इसे अत्यधिक क्षति से बचाने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए गए थे। आज, यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह इंडोनेशिया का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है, जहां लाखों पर्यटक और श्रद्धालु हर साल आते हैं। बोरोबुदुर मंदिर की महिमा और इसका ऐतिहासिक महत्व इसे दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध धरोहरों में से एक बनाते हैं।
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Which is the largest Buddhist temple in the world?
The world’s largest Buddhist temple is Borobudur, which is located in the Central Java province of Indonesia. This temple is one of the most famous and largest Buddhist temples in the world. Borobudur was built around the 9th century by the rulers of the Sailendra dynasty. Its construction time is believed to be between 750 and 850 AD. The architecture and design of this temple is done according to Mahayana Buddhism, which reflects the path of Buddhism and its teachings.
The Borobudur temple is divided into nine levels, the first six of which are square and the last three are circular. There are 2,672 relief panels and 504 Buddha statues on these levels, which describe the life of the Buddha and his sermons. There is a main dome at the top of the temple, which is built in the form of a huge stupa. There are 72 smaller stupas built around this main dome, each of which has a Buddha statue installed inside it.
Due to the unique architecture and religious significance of Borobudur, it is listed as a World Heritage Site by UNESCO. The structure of the temple is seen as Mount Meru, which is considered the center of the universe in Hindu and Buddhist beliefs. The art and architecture of this temple reflects the fusion of Indian and local Javanese culture, which symbolizes the cultural exchange of the region.
Borobudur was reconstructed and preserved in the mid-20th century, when many international efforts were made to save it from excessive damage. Today, this temple is not only a center of religious faith, but it is also a major tourist destination in Indonesia, where millions of tourists and devotees visit every year. The glory of Borobudur Temple and its historical importance make it one of the most important Buddhist heritage sites in the world.
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