दुनिया के 5 सबसे पुराने मंदिर

दुनिया के पांच सबसे पुराने मंदिर, जिन्हें मानवता के आध्यात्मिक और धार्मिक इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं और विभिन्न देवताओं को समर्पित हैं। ये मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि ये प्राचीन वास्तुकला, संस्कृति और इतिहास का प्रतीक भी हैं।

1. गोबेकी तिपे, तुर्की (Göbekli Tepe, Turkey):

गौबेकी तिपे दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात मंदिर है, जिसकी आयु लगभग 11,000 से 12,000 साल मानी जाती है। यह तुर्की के शानलिउर्फा प्रांत में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण नवपाषाण काल में किया गया था, और इसे मानव इतिहास के सबसे शुरुआती धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। गोबेकी तिपे का मुख्य उद्देश्य क्या था, इस बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन यह स्थल विशाल मेगालिथिक स्तंभों से घिरा हुआ है, जिन पर जानवरों और प्रतीकों की नक़्क़ाशी की गई है। इन स्तंभों को पूजा के लिए बनाया गया हो सकता है, और यह स्थल संभवतः किसी अज्ञात देवता या प्राकृतिक शक्तियों को समर्पित था।

2. हरप्पा और मोहनजोदड़ो के मंदिर, पाकिस्तान (Harappa and Mohenjo-Daro, Pakistan):

सिंधु घाटी सभ्यता के शहर हरप्पा और मोहनजोदड़ो में भी दुनिया के सबसे पुराने मंदिरों के अवशेष पाए गए हैं। इन शहरों का विकास लगभग 2500 ईसा पूर्व में हुआ था। इन मंदिरों का मुख्य देवता संभवतः एक पुरुष देवता था, जिसे कुछ पुरातत्वविदों द्वारा “प्रोटो-शिव” कहा जाता है। यह देवता योगासन में बैठा हुआ है, और इसे शिव का प्राचीन रूप माना जाता है। इसके अलावा, कुछ स्त्री देवताओं की मूर्तियाँ भी मिली हैं, जो मातृ देवी या प्रकृति देवी की पूजा का संकेत देती हैं। यह मंदिर प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा थे।

3. गार्सियन डोलमेन, स्पेन (Ggantija Temples, Malta):

गार्सियन डोलमेन, जिन्हें गार्सियन मेगालिथ्स भी कहा जाता है, दुनिया के सबसे पुराने मंदिरों में से एक हैं। ये मंदिर लगभग 3600 से 3200 ईसा पूर्व के बीच बनाए गए थे और माल्टा के द्वीप पर स्थित हैं। गार्सियन डोलमेन विशाल पत्थरों से बनाए गए हैं और इन्हें माल्टा की प्राचीन सभ्यता द्वारा देवताओं की पूजा के लिए बनाया गया था। यहाँ पर प्राचीन माल्टीज़ लोग अपनी मातृ देवी की पूजा करते थे, जो उर्वरता और पृथ्वी की देवी मानी जाती थी। यह मंदिर माल्टा की प्राचीन सभ्यता की धार्मिक और सामाजिक संरचना को दर्शाता है।

4. स्टोनहेंज, इंग्लैंड (Stonehenge, England):

स्टोनहेंज इंग्लैंड में स्थित एक प्राचीन मेगालिथिक स्मारक है, जो लगभग 3000 से 2000 ईसा पूर्व के बीच बनाया गया था। हालांकि यह स्थल एक मंदिर के रूप में स्पष्ट रूप से नहीं पहचाना जाता, लेकिन इसे अक्सर धार्मिक और अनुष्ठानों के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थल के रूप में माना जाता है। स्टोनहेंज विशाल पत्थरों के एक गोलाकार क्रम में व्यवस्थित है, और इसकी संरचना ने खगोलशास्त्रियों और इतिहासकारों को सदियों से प्रभावित किया है। स्टोनहेंज का सटीक उद्देश्य अभी भी अज्ञात है, लेकिन इसे सूर्य और चंद्रमा की स्थिति से संबंधित धार्मिक अनुष्ठानों और त्यौहारों के लिए उपयोग किया गया हो सकता है।

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5. करनाक मंदिर, मिस्र (Karnak Temple, Egypt):

करनाक मंदिर मिस्र के लक्सर में स्थित है, और यह प्राचीन मिस्र के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। इसका निर्माण लगभग 2055 ईसा पूर्व शुरू हुआ था और यह मुख्य रूप से आमुन-रा देवता को समर्पित था, जो मिस्र के प्रमुख देवता माने जाते थे। करनाक मंदिर परिसर में कई मंदिर, पवित्र तालाब, और विशाल स्तंभ हैं, जिन पर प्राचीन मिस्र की धार्मिक और सामाजिक जीवन की कहानियाँ चित्रित की गई हैं। यह मंदिर कई पीढ़ियों के फराओ द्वारा विस्तारित और सुधार किया गया था, और यह मिस्र की धार्मिक आस्था और शक्ति का केंद्र बना रहा।

संक्षेप में:

दुनिया के सबसे पुराने मंदिर केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वे मानव इतिहास के प्रारंभिक काल की वास्तुकला, सामाजिक संरचना, और सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा हैं। गोबेकी तिपे, हरप्पा और मोहनजोदड़ो के मंदिर, गार्सियन डोलमेन, स्टोनहेंज, और करनाक मंदिर जैसे स्थल हमें यह समझने में मदद करते हैं कि प्रारंभिक मानव समाज कैसे विकसित हुए, और उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाओं ने कैसे उनकी जीवनशैली को आकार दिया। इन मंदिरों का अध्ययन आज भी हमें हमारे प्राचीन इतिहास और सभ्यताओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करता है, जो हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को समझने में सहायक हैं।

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