रूस के पास मौजूद पांच सबसे खतरनाक हथियारों में शामिल हैं: आरएस-28 सरमाट (Sarmat), अवांगार्ड (Avangard), किंजल (Kinzhal), बोरेई-क्लास पनडुब्बी (Borei-class Submarine), और टी-14 आर्माटा (T-14 Armata)। ये हथियार रूस की सैन्य शक्ति का प्रमुख हिस्सा हैं और इन्हें विभिन्न समय पर विकसित किया गया है, जिससे ये देश के सामरिक और रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत बनाते हैं।
आरएस-28 सरमाट (Sarmat):
आरएस-28 सरमाट, जिसे नाटो द्वारा “Satan 2” के नाम से भी जाना जाता है, एक इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली ICBM में से एक मानी जाती है। इसे रूस की मिसाइल स्ट्रेटेजिक फोर्सेज के लिए विकसित किया गया था और 2018 में परीक्षण किया गया। इसे Mikhail Ivanov और उनके नेतृत्व में Makeyev Design Bureau द्वारा विकसित किया गया। सरमाट की रेंज 18,000 किलोमीटर तक हो सकती है, और यह 10-15 परमाणु वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम है। इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के महत्वपूर्ण स्थलों को नष्ट करना है, और इसे किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मात देने के लिए डिजाइन किया गया है।
अवांगार्ड (Avangard):
अवांगार्ड एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) है, जिसे मिसाइल के साथ लॉन्च किया जाता है और फिर यह वायुमंडल में प्रवेश कर 27 Mach की गति से उड़ान भरता है। यह किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बचने में सक्षम है, क्योंकि यह अपने मार्ग को बदल सकता है और बेहद उच्च गति से यात्रा करता है। Avangard का निर्माण 2000 के दशक की शुरुआत में किया गया था, और 2019 में इसे सेवा में शामिल किया गया। इसे NPO Mashinostroyenia द्वारा विकसित किया गया था। यह हथियार रूस की रणनीतिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और यह एक ICBM के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे यह अपने लक्ष्य पर सटीकता के साथ प्रहार कर सकता है।
किंजल(Kinzhal):
किंजल एक हाइपरसोनिक एयर-लॉन्च मिसाइल है, जिसे रूस के मिग-31 लड़ाकू विमान से लॉन्च किया जा सकता है। इसकी गति 10 Mach तक हो सकती है, और इसकी रेंज 2000 किलोमीटर तक होती है। Kinzhal को 2017 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सार्वजनिक किया, और इसे रूस की एयर फोर्स के लिए विकसित किया गया था। इसे रूसी रक्षा उद्योग के साथ मिलकर Tactical Missiles Corporation (KTRV) द्वारा विकसित किया गया। Kinzhal की खासियत यह है कि यह पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम है, और इसकी गति और सटीकता इसे किसी भी मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए लगभग अजेय बनाती है।
बोरेई-क्लास पनडुब्बी (Borei-class Submarine):
बोरेई-क्लास पनडुब्बी रूस की सबसे आधुनिक परमाणु शक्ति से संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों में से एक है। इसे रूसी नौसेना के लिए विकसित किया गया था और यह R-30 Bulava मिसाइलों से लैस है, जो 8,000 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती हैं। बोरेई-क्लास पनडुब्बियों का निर्माण 1996 में शुरू हुआ, और पहली पनडुब्बी 2013 में सेवा में शामिल की गई। इसे रुबिन डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित किया गया था। यह पनडुब्बी शांत संचालन, बड़ी मारक क्षमता और दुश्मन की जासूसी से बचने की क्षमता के कारण बेहद घातक मानी जाती है। यह रूसी नौसेना के परमाणु प्रतिरोध की आधारशिला है और इसे किसी भी समुद्री थिएटर में तैनात किया जा सकता है।
टी-14 आर्माटा (T-14 Armata):
टी-14 आर्माटा रूस का सबसे आधुनिक और अत्याधुनिक मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे 2015 में पहली बार सार्वजनिक किया गया था। इसे Uralvagonzavod द्वारा विकसित किया गया है, और इसे एक पूरी तरह से नई आर्माटा प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। T-14 Armata में कई उन्नत तकनीकी विशेषताएं हैं, जैसे कि एक बिना मानव की बंदूक टॉवर, और एक क्रू कैप्सूल जो पूरी तरह से बंदूक और गोला-बारूद से अलग है, जिससे क्रू को बेहतर सुरक्षा मिलती है। यह टैंक दुश्मन के किसी भी टैंक और बख्तरबंद वाहनों से मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इसमें उन्नत सक्रिय रक्षा प्रणाली भी है, जो इसे किसी भी आने वाले मिसाइल या रॉकेट से बचने में सक्षम बनाती है।
इन पांच हथियारों को रूस ने विभिन्न समय पर विकसित किया है, और ये रूस की सामरिक और रक्षात्मक क्षमताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये हथियार रूस की सैन्य शक्ति को बढ़ाने और विश्व में उसके प्रभाव को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। रूस के इन हथियारों का विकास उन विशेषज्ञों और डिजाइनरों द्वारा किया गया है, जिन्होंने रूस की रक्षा आवश्यकताओं और बदलते वैश्विक सैन्य परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए इन्हें तैयार किया है। ये सभी हथियार अपने-अपने क्षेत्र में अत्यधिक प्रभावी और विनाशकारी माने जाते हैं, और इन्हें आधुनिक युद्धक्षेत्र में रूस की ताकत का प्रतीक माना जाता है।
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